Significance of Kaal Bhairav Jayanti |
पौराणिक रूप से यह वह दिन माना जाता है जब भगवान काल भैरव का जन्म हुआ था। इस दिन भगवान काल भैरव की पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है। इसके अलावा और क्या है काल भैरव जयंती का महत्व आइए जानते हैं...
काल भैरव जयंती का महत्व (Kaal Bhairav Jayanti Ka Mahatva)
पुराणों के अनुसार काल भैरव जयंती के दिन ही भगवान काल भैरव ने जन्म लिया था। इसी कारण से इस दिन भगवान काल भैरव की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन काल भैरव अष्टमी और काल भैरव जयंती के नाम से जाना जाता है। भगवान काल भैरव को शिव जी का ही रौद्र रूप बताया गया है।
माना जाता है कि इस दिन जो भी व्यक्ति सच्चे मन से भगवान काल भैरव की पूजा करता है। उसे मनचाही सिद्धियां प्राप्त हो जाती है। भगवान काल भैरव को तंत्र का देवता माना जाता है। इसी कारण से इस दिन काल भैरव की पूजा करने वाले व्यक्ति को कभी भी ऊपरी बाधा, भूत प्रेत की समस्या नहीं होती।
वहीं काले कुत्ते को भी काल भैरव का ही प्रतीक माना जाता है। इसलिए इस दिन काले कुत्ते को कुछ भी खिलाना बहुत ही अच्छा माना जाता है। भैरव जी का मुख्य हथियार दंड माना गया है। इसलिए इन्हें दण्डपति भी कहा गया है। जो पापियों को दंड देने वाले माने जाते हैं।
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