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Saraswati Avahan 2024 Kab Hai: सरस्वती आवाहन 2024 में कब है, जानिए शुभ मुहूर्त और सरस्वती आवाहन की कथा

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Saraswati Avahan 2024 Kab Hai

Saraswati Avahan 2024 Kab Hai: सरस्वती आवाहन का पर्व (Saraswati Avahan Festival) विशेष रूप से दक्षिण भारत में मनाया जाता है। यह त्योहार शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri) की सप्तमी तिथि से प्रारंभ होता है और विजयदशमी यानी दशहरे (Dussehra) के दिन मां सरस्वती (Goddess Saraswati) के विर्सजन के साथ समाप्त हो जाता है तो बिना किसी देरी के चलिए जानते हैं सरस्वती आवाहन 2024 में कब है (Saraswati Avahan 2024 Mein Kab Hai), सरस्वती आवाहन का शुभ मुहूर्त (Saraswati Avahan Shubh Muhurat) और सरस्वती आवाहन की कथा (Saraswati Avahan Ki Katha)



सरस्वती आवाहन 2024 तिथि (Saraswati Avahan 2024 Date)

9 अक्टूबर 2024

सरस्वती आवाहन 2024 शुभ मुहूर्त (Saraswati Avahan 2024 Shubh Muhurat)

मूल नक्षत्र आवाहन मुहूर्त - सुबह 10 बजकर 25 मिनट से शाम 4 बजकर 42 मिनट तक (9 अक्टूबर 2024)


मूल नक्षत्र प्रारम्भ -  सुबह 04 बजकर 08 मिनट से (9 अक्टूबर 2024)

मूल नक्षत्र समाप्त - अगले दिन सुबह 5 बजकर 15 मिनट तक (9 अक्टूबर 2024)

ये भी पढ़ें- Shardiya Navratri Kalash Sthapana Vidhi: जानिए क्या है शारदीय नवरात्रि पर कलश स्थापना की संपूर्ण विधि


सरस्वती आवाहन की कथा (Saraswati Avahan Ki Katha)

पौराणिक कथाओ के अनुसार भगवान ब्रह्मा संपूर्ण संसार की रचना से बहुत प्रसन्न थे। परिणामस्वरूप, वह पूरी दुनिया को अपनी आंखों से देखना चाहते थे। अत: वह यात्रा पर निकल पड़े। जब उसने दुनिया को देखा, तो वह पूरी तरह खामोशी से निराश हो गए। पृथ्वी ग्रह पर हर कोई बहुत अकेला दिखाई देता था।

भगवान ब्रह्मा को एक विचार आया। उन्होंने अपने कमंडल में थोड़ा सा जल लिया और उसे हवा में छिड़क दिया। जिसके बाद मां सरस्वती अपनी वीणा के साथ प्रकट हुईं। ब्रह्मा ने उनसे कुछ संगीत बजाने का अनुरोध किया ताकि पृथ्वी पर सब कुछ शांत न हो। परिणामस्वरूप, मां सरस्वती ने कुछ संगीत बजाना शुरू कर दिया।

जिससे पृथ्वी के लोगों को वाणी का आशीर्वाद प्राप्त हुआ। उन्होंने इस ग्रह को संगीत से भी भर दिया। तभी से उन्हें वाणी और ज्ञान की देवी माता सरस्वती के नाम से जाना जाने लगा। उन्हें वीणा वादिनी (वीणावादक) के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि मां सरस्वती ने वाणी, बुद्धि, बल और तेज प्रदान किया।




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