मौनी अमावस्या के शुभ दिन पर पूरे दिन का उपवास भी रखने का विधान है। ऐसा कहा जाता है कि मौनी अमावस्या के दिन व्रत करने से देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है और पितरों को शांति मिलती है। माना जाता है कि इस दिन सभी देवता संगम के पवित्र घाटों पर इकट्ठा होते हैं। इसलिए, गंगा में पवित्र स्नान करने का विशेष महत्व है। इसे "मौनी अमावस्या स्नान" के रूप में जाना जाता है, जो कुंभ मेले और माघ मेले के दौरान प्रमुख है।
मौनी अमावस्या का गहरा आध्यात्मिक महत्व है। यह दिन आध्यात्मिक साधना को समर्पित है। हिंदू योगी और ऋषि शांति, खुशी, आनंद और मुक्ति पाने के लिए इस दिन को मनाते हैं। वे मौन रहते हैं और गहन ध्यान का अभ्यास करते हैं। यह भी माना जाता है कि ऋषि मनु का जन्म मौनी अमावस्या के शुभ दिन पर हुआ था।
हालांकि अमावस्या देश के विभिन्न हिस्सों में बहुत लोकप्रिय है, लेकिन उत्तर भारत में इसे विशेष महत्व प्राप्त है। मौनी अमावस्या उत्तर प्रदेश राज्य के इलाहाबाद में व्यापक रूप से लोकप्रिय है।
प्रयाग (इलाहाबाद) में विश्व प्रसिद्ध कुंभ मेले के दौरान गंगा में पवित्र स्नान करने के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण दिन होता है। इस दिन को अक्सर 'अमृत योग' और 'कुंभ पर्व' के रूप में जाना जाता है।
हालांकि, मौनी अमावस्या उत्सव आंध्र प्रदेश में भी बहुत लोकप्रिय है, जहां इसे "चोलंगी अमावस्या" के रूप में मनाया जाता है। मौनी अमावस्या को भारत के अन्य हिस्सों में "दर्श अमावस्या" के नाम से भी जाना जाता है।इसलिए, मौनीअमावस्या हिंदू धर्म में ज्ञान, शांति, खुशी और मुक्ति प्राप्त करने के लिए एक बहुत ही शुभ दिन है तो बिना किसी देरी के चलिए जानते हैं साल 2024 में कब है मौनी अमावस्या और क्या है मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त।
मौनी अमावस्या 2026 तिथि (Mauni Amavasya 2026 Date)
18 जनवरी 2026
मौनी अमावस्या 2026 प्रारंभ और समाप्ति की तिथि (Mauni Amavasya 2026 Starting and Ending Time)
अमावस्या तिथि प्रारम्भ - रात 12 बजकर 03 मिनट से (18 जनवरी 2026)
अमावस्या तिथि समाप्त - अगले दिन रात 01 बजकर 21 मिनट तक (19 जनवरी 2026)
0 टिप्पणियाँ