Ram Navami Significance |
रामनवमी के दिन श्रद्धालु पुरूषोत्तम श्री रामचन्द्र की जन्मस्थली अयोध्या की पवित्र सरयू नदी में डुबकी लगाते हैं। सभी भक्त प्रभु श्री राम, उनकी पत्नी माता सीता, उनके छोटे भाई श्री लक्ष्मण और श्री राम भक्त हनुमान से संबंधित भजन, कीर्तन, रामायण पाठ, उपवास, शोभा यात्रा और रथ यात्रा का आयोजन करते हैं। ऐसा माना जाता है कि श्री गोस्वामी तुलसीदास जी ने इसी दिन राम चरित मानस की रचना प्रारम्भ की थी। इसके अलावा और क्या है रामनवमी का महत्व आइए जानते हैं...
रामनवमी का महत्व (Ram Navami Importance)
भगवान राम को भगवान विष्णु का सातवां अवतार माना जाता है। जिन्होंने अहंकारी रावण का वध करके धरती पर पुन: धर्म की स्थापना की थी। भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम के नाम से भी जाना जाता है। रामनवमी के दिन घरों और मंदिरों में रामायण और रामचरित मानस का पाठ किया जाता है और साथ भजन- कीर्तन आदि भी किए जाते हैं।
इस दिन भगवान राम को पालने में झुलाया जाता है। इतना ही नहीं रामनवमी के दिन रामभक्त उपवास रखकर भगवान राम की विधिवत पूजा करते हैं और मंदिर जाकर उनके दर्शन भी करते हैं। रामनवमी के दिन भक्त अपने सुबह से ही लोग अपने अराध्य देव भगवान श्री राम के दर्शनों के लिए लंबी- लंबी लाईनों में लग जाते हैं।
माना जाता है कि रामनवमी के दिन उपवास रखने और भगवान राम की पूजा करने से जीवन के सभी दुख नष्ट हो जाते हैं और जीवन के सभी सुख प्राप्त हो जाते हैं। वहीं रामनवमी के दिन चैत्र नवरात्रि का समापन भी होता है। कई लोग इस दिन नवरात्रि का पारण करके मां दुर्गा को विदा करते हैं। इसी कारण से चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को अधिक महत्व दिया जाता है।
0 टिप्पणियाँ