Ganga Saptami Significance |
Ganga Saptami Significance: गंगा सप्तमी हिंदू धर्म में एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। इस दिन मां गंगा (Goddess Ganga) की विधिवत पूजा की जाती है। इस त्योहार को 'गंगा जयंती' या 'गंगा पूजन' (Ganga Jayanti and Ganga Pujan) के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू पुराणों के अनुसार इस दिन देवी गंगा का पुनर्जन्म हुआ था। गंगा सप्तमी 'वैशाख' महीने में शुक्ल पक्ष के सातवें दिन पड़ती है।
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गंगा सप्तमी के अवसर पर इलाहाबाद और ऋषिकेश में त्रिवेणी संगम सहित हिंदू तीर्थ स्थान जहां गंगा नदी गुजरती है, भक्तों द्वारा विशेष पूजा और प्रार्थनाएं आयोजित की जाती हैं। यह त्योहार भारत के उत्तरी राज्यों में बड़े उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है। इसके अलावा और क्या है गंगा सप्तमी का महत्व आइए जानते हैं...
गंगा सप्तमी का महत्व (Ganga Saptami Ka Mahatva)
वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि के के दिन गंगा जयंती मनाई जाती है। पुराणों के अनुसार इसी दिन मां गंगा स्वर्ग से भगवान शिव की जटाओं में पहुंची थीं। इसी कारण से इस दिन को गंगा सप्तमी के नाम से जाना जाता है।
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गंगा जी उत्पत्ति के दिन को गंगा जयंती और मां गंगा के पृथ्वीं पर अवतरित होने के दिन को गंगा दशहरा के नाम से जाना जाता है। माना जाता है कि इस दिन जो भी व्यक्ति गंगा स्नान करता है उसके जीवन के सभी पाप धुल जाते हैं और उसे मोश्र की प्राप्ति होती है।
वैसे तो गंगा स्नान कभी भी किया जा सकता है। लेकिन शास्त्रों में इस दिन गंगा स्नान का बहुत अधिक महत्व बताया गया है। इस दिन गंगा घाट के अलावा कई जगहों पर मां गंगा की पूजा-अर्चना की जाती है। गंगा सप्तमी के दिन न केवल गंगा स्नान को बल्कि दान को भी विशेष महत्व दिया जाता है। माना जाता है कि इस दिन दिया गया दान मनुष्य को कई जन्मों के पुण्य फलों के रूप में प्राप्त होता है।
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