Annakut Puja Importance |
Annakut Puja Importance: अन्नकूट पूजा का त्योहार (Annakut Puja Festival), जिसे गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) के नाम से जाना जाता है, 5 दिवसीय दिवाली त्योहार का एक धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण पहलू है। अन्नकूट का अर्थ होता है अन्न का ढेर। यह भगवान कृष्ण (Lord Krishna) को समर्पित त्योहार है।
इस दिन हिंदू धर्म के लोग विभिन्न प्रकार के व्यंजन तैयार करते हैं और भगवान कृष्ण के प्रति अपना धन्यवाद और आभार व्यक्त करने के लिए इसे उन्हें चढ़ाते हैं। इसके अलावा और क्या है अन्नकूट का महत्व आइए जानते हैं...
अन्नकूट पूजा का महत्व (Annakut Puja Ka Mahatva)
दिवाली के दूसरे दिन अन्नकूट पूजा की जाती है। अन्नकूट का अर्थ है अन्न का ढेर। अन्नकूट पूजा के दिन गोवर्धन पूजा भी की जाती है।
द्वापर युग में इसी दिन भगवान श्री कृष्ण अपनी कनिष्ठा उंगली पर्वत पर गोवर्धन पर्वत को उठाकर इंद्र का अहंकार तोड़ते हुए ब्रज वासियों की रक्षा की थी।
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भगवान श्री कृष्ण लगातार 56 दिनों तक गोवर्धन पर्वत को थामे खड़े रहे। लेकिन जब उन्होंने इस पर्वत को वापस रखा तो सभी ब्रज वासियों ने उन्हें 56 प्रकार के पकवान बनाकर खिलाए।
इसी कारण से हर साल इसी दिन अन्नकूट का त्योहार मनाया जाता है और भगवान श्री कृष्ण को 56 या 108 प्रकार के पकवान का भोग लगाया जाता है।
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