Header Ads Widget

Responsive Advertisement

Annakut Puja Vidhi: यहां जानें अन्नकूट की संपूर्ण पूजा विधि

annakut puja vidhi annakut puja at home annakut puja kaise karte hain
Annakut Puja Vidhi

Annakut Puja Vidhi: अन्नकूट महोत्सव, जिसे गोवर्धन पूजा या अन्नकूट (Govardhan Puja or Annakoot) के नाम से भी जाना जाता है, भारत में एक जीवंत और आनंदमय उत्सव है जो रोशनी के त्योहार दिवाली (Diwali) के अगले दिन मनाया जाता है। गहरे धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व में निहित, अन्नकूट कृतज्ञता की भावना, दैवीय प्रचुरता और प्रकृति द्वारा प्रदत्त जीविका का सम्मान करता है।

ये भी पढ़ें- Annakut Puja Importance: जानिए क्या है अन्नकूट पूजा का महत्व

मुख्य रूप से हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला यह त्योहार लाखों लोगों के दिलों में एक विशेष स्थान रखता है। इस दिन भगवान कृष्ण को धन्यवाद देने के लिए 56 भोगों का भोग लगाया जाता। माना जाता है कि ऐसा करने से भगवान श्री की विशेष कृपा प्राप्त होती है। 

यदि आप भी इस दिन भगवान श्री कृष्ण को धन्यवाद देना चाहते हैं और आपको अन्नकूट की पूजा विधि के बारे में नहीं पता है तो आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे तो बिना किसी देरी के चलिए डालते हैं अन्नकूट की पूजा विधि पर एक नजर..

अन्नकूट पूजन विधि (Annakut Pujan Vidhi)

1.वैदिक काल से ही अन्नकूट पूजा के रूप में वरुण देव, अग्नि देव और इंद्र देव की पूजा की जा रही है। इस दिन विशेष रूप से अन्न की पूजा की जाती है।

2. इस दिन 56 प्रकार के भोग बनाकर उस पर पके हुए चावलों का पर्वत बनाया जाता है और फिर उस पर रंगोली बनाई जाती है। 

3. इसके बाद उस पर्वत पर पुष्प, नवैद्य आदि अर्पित करके यह भोग भगवान श्री कृष्ण को अर्पित किया जाता है।

4. भगवान श्री कृष्ण को यह 56 भोग अर्पित करन के बाद भगवान श्री कृष्ण का पूरे विधि-विधान से पूजन किया जाता है। 

ये भी पढ़ें- Annakut Puja 2024 Date and Time: अन्नकूट 2024 में कब है, जानिए शुभ मुहूर्त और अन्नकूट पूजा की कथा

5. पूजा के बाद भगवान श्री कृष्ण को इन सभी चीजों का भोग लगाया जाता है।

6. इसके बाद अन्नकूट का यह प्रसाद सभी लोगों के बीच में बांटा जाता है। 

7. इस दिन घर के सभी लोगों के लिए एक ही रसोई में खाना बनता है। 

8. इसके साथ ही इन दिन गायों और बैलों की भी विशेष रूप से पूजा की जाती है। इस दिन गायों और बैलों का श्रृंगार करके उनकी आरती उतारी जाती है।

9. अन्नकूट पूजा के दिन चंद्रमा के दर्शन को अशुभ माना जाता है। इसलिए इस दिन भूलकर भी चंद्रमा के दर्शन न करें।

10. यदि आप चंद्रमा के दर्शन करना ही चाहते हैं तो आप प्रतिपदा तिथि के निकल जाने के बाद ही चंद्र दर्शन करें।


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

News

Technology

recent posts

संपर्क फ़ॉर्म

नाम

ईमेल *

संदेश *